Road Safety Campaign 2024

Road Safety Campaign 2024: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2022 में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जो भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता को सामने लाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2022 में 4,43,366 दुर्घटनाओं में कुल 1,68,491 मौतें हुईं. इसका मतलब है कि हर साढ़े तीन मिनट में सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. ऐसे चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए, देशभर में सड़क सुरक्षा का संदेश पहुंचाने वाले एक जागरुकता अभियान ज़रूरी हो गया है. इसी रिपोर्ट से सड़क सुरक्षा अभियान ने अपने दूसरे संस्करण का मकसद ढूंढ लिया.

सड़क सुरक्षा अभियान 2024 का उद्देश्य भारत की सड़कों पर सहानुभूति को बढ़ावा देना है. इस संस्करण में भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए लोगों को जीवन की अहमियत समझाना है, ताकि लोग सड़कों पर संवेदना के साथ चलें और दूसरों के जीवन का महत्व समझें.

सड़क सुरक्षा अभियान 2024 | Road Safety Campaign 2024

इस पहल ने संवेदना के विषय को गहराई से समझा, इस विषय के चार मुख्य स्तंभ हैं: ‘सम्मान’, ‘संयम’, ‘सुरक्षा’ और ‘सहयोग’. 2024 के संस्करण में एक खास टेलीथॉन में इन सभी चार स्तंभों पर चर्चा की गई, जिसमें कई मशहूर शख्सियतों ने शिरकत की और सड़क सुरक्षा को लेकर अपने विचार देश के सामने रखे.

इस अभियान के मुख्य उद्देश्य को देश के सामने पहुंचाने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, नॉलेज पार्टनर सेवलाइफ़ फ़ाउंडेशन, और श्री अमिताभ बच्चन, श्रीमती सुधा मूर्ति जैसी मशहूर हस्तियों ने इस टेलीथॉन में शिरकत की. सड़क सुरक्षा जागरूकता के इस मिशन में सुधा मूर्ति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा, पंकज त्रिपाठी और आर.माधवन भी शामिल हुए और देश की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए अलग-अलग सुझाव दिए.

अभियान ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों की गंभीरता के आधार पर आठ अलग-अलग शहरों की पहचान की, जहां लोगों को जागरुक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसके अलावा, युवाओं और इन्फ़्लुएंसर्स के बीच जागरूकता फैलाने और कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा की जानकारी देने के लिए स्कूल और कॉलेज में भी इस अभियान को पहुंचाया गया. जहां युवाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर सड़क सुरक्षा पर अपने विचार रखे और सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की.

Road Safety Campaign 2024 Events Organized in Eight Cities

आठ शहरों- चेन्नई, बेंगलुरु, कानपुर, इंदौर, नागपुर, जयपुर, चंडीगढ़ और पटना में आयोजित किए गए कार्यक्रमों में मंच पर पैनल चर्चा, दर्शकों से बातचीत, और सुरक्षा उपकरणों के बारे में जानकारी देना शामिल था. खास तौर पर, नागपुर के क्षेत्रीय कार्यक्रम में श्री नितिन गडकरी और श्री नाना पाटेकर ने सड़कों को सुरक्षित बनाने में सभी के सहयोग की अहमियत पर चर्चा की.

कानपुर में न्यूज़18 उत्तर प्रदेश के संपादक श्री मनमोहन राय ने मंच संभाला और दर्शकों के साथ बातचीत में सड़क पर यात्रा के दौरान जोखिमों पर भी बात की. पटना में विधान सभा मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ ने सुरक्षित सड़कों की ज़रूर पर ज़ोर दिया और भारत में सड़क सुरक्षा के गंभीर आंकड़ों को देश के सामने रखते हुए, सभी से सड़कों को सुरक्षित बनाने की अपील भी की. चंडीगढ़ कार्यक्रम में राष्ट्रीय सड़क परिषद के सदस्य कमलजीत सोनी और अन्य मंच पर मौजूद दूसरे मेहमानों ‘हमारी सड़क, हमारी जिम्मेदारी’ सेगमेंट में लोगों की ज़िम्मेदारियों पर चर्चा की.

जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एलन पांडे ने गुड सेमेरिटन कानून के बारे में जानकारी दी. साथ ही, दर्शकों के सामने सीपीआर किया और दर्शकों को भी सीपीआर के बारे में अहम जानकारी दी और संवेदना के चार स्तंभों पर गहराई से चर्चा की गई. स्कूल और कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और न्यूज़18 के रोविंग एडिटर प्रतीक त्रिवेदी ने सड़क सुरक्षा के अहम बिंदुओं पर चर्चा की और युवाओं को सुरक्षित तरीके से ड्राइव करने और ज़िम्मेदारी के साथ सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रेरित किया.

अभियान के बेहद ही अहम पहलुओं के साथ 3 फ़रवरी को नेटवर्क18 के 4 घंटे लंबे शानदार टेलीथॉन का आयोजन हुआ. इस टेलीथॉन की शुरुआत सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन ने अपने एक संदेश के साथ की, जिसमें उन्होंने सड़क सुरक्षा के चिंताजनक आंकड़े, जीवन की अहमियत समझाते हुए देश के सड़क पर ज़िम्मेदारी भरा व्यवहार करने की अपील की. इसके साथ ही, मंच पर अन्य मेहमानों ने शिकरत की और सड़क सुरक्षा पर अहम बिंदुओं पर चर्चा की. मशहूर गायक श्री शंकर महादेवन और गीतकार श्री प्रसून जोशी ने इस अभियान के लिए एक एंथम तैयार किया, जिसे एक संदेश के तौर पर लॉन्च किया गया और सड़क सुरक्षा का संदेश सुरीले तरीके से देश के सामने रखा गया.

टेलीथॉन ने भारत में सड़क सुरक्षा पर असर डालने वाले वास्तविक मुद्दों, पुराने ट्रैफ़िक सिग्नलों, सड़क पर गलत व्यवहार, गुड समेरिटन कानून और सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने जैसे बुनियादी मुद्दों पर बात की. साथ ही, इस दौरान बच्चों और युवाओं को शुरुआत से ही सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुक करने की अहमियत पर भी चर्चा की गई, ताकि आने वाले समय में सड़क पर उतरने वाली पीढ़ि को शुरुआत से ही जागरुक किया जा सके.

सरकार और प्रशासन सड़कों को सुरक्षित बनाने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश के हर नागरिक को भी इसमें अपना योगदान देना चाहिए. भारत की सड़कें और बुनियादी ढ़ांचे तेज़ी से विकसित हो रहे हैं और इनके साथ सड़क सुरक्षा को लेकर हमारा नज़रिया भी विकसित होना चाहिए. हमें मिलकर अपनी सड़कों को सुरक्षित बनाने की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, ताकि देश की सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाया जा सके.

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